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Showing posts from October, 2022

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सूर्य का प्यार चांदनी से कहानी

 बात लगभग लगभग पांच साल पुरानी है ऐक दिन मेरी साइट पर मेरा रोलर आपरेटर जों कि कंपनी से दस दिन कि छुट्टी लेकर गया था छुट्टी से आने के बाद मुझे अपने किराए के घर में चाय के लिए बुलाया चलिए पहले में अपना परिचय दे दूं मेरा नाम प्रेम कुमार हैं में मल्टीनेशनल कंटैकसन कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं चूंकि मैं टीम लीडर हूं ऐसे में टीम के सभी सदस्यों से काम के बाद भी उनसे मेल मिलाप उनके दुख सुख का ख्याल रखना मेरी जुम्मे दारी बनतीं है या यूं कहें कि मेरी ड्यूटी हैं  ठंड का समय था वातावरण में सर्द हवाएं के साथ  हल्की हल्की ओस कि बूंदें भी आ रही थी कुलमिलाकर हड्डियों को हिलाने वाली सर्दी थी ऐसे मौसम में भी साइट पर मेहनत कश मजदूर गर्म कपड़े पहनकर काम कर रहे थे में और मेरे मातहत टेक्निकल उनका सहयोग कर रहे थे तभी सूर्य का फोन आया था सर क्या आप साइट पर हैं  मैंने कहा जी  तब सर को आप मेरे घर आ जाईए  चाय पीते हैं  मैंने कहा सूर्य आप कि छुट्टी तों दस दिन कि थी फिर दो दिन पहले  उसने कहा सर मै अपनी पत्नी को लेने गया था जैसे कि हमारे समाज में शादी के चार...

"कार्ल गर्ल " वेब सीरीज भाग२ करूणा कि व्यथा कथा

पहले भाग से आगे.....… हां यकिन नहीं आपने ऐसा क्यों किया मेरे राजकुमार देखो तो अब तुम्हारी रानी जीवन के समर के मैदान में अकेली लड रही  है दूर दूर तक कोई सहारा नहीं मुझे भी साथ ले चलते फिर कुछ छड़ों बाद तुम्हें पता है मेरे राजकुमार जिस देह कि खूबसूरती का आप तारीफें के पुल बांधते थे जिस देह के अंगों पर अपने प्यार कि मुहर लगा कर कहते थें देख करूणा कभी भी किसी अन्य  पुरुष से तूने बातचीत कि या फिर मेरी संपत्ति को किसी ने छेड़छाड़ कि मुझे भनक भी लगीं तब में उसी समय अपने प्राण त्याग दुंगा मेरे राजकुमार आज तुम्हारी रानी किसी पुरुष कि रखैल है  फिर वह मेरी देह के साथ कैसा व्यवहार करता है कहने में संकोच होता है कहते हैं कि मरने के बाद भी कुछ महीने या दिन आत्मा अपने सगे संबंधियों या फिर अपने प्रिय के आसपास भटकती रहती हैं तब आप तों उस सेठ का मेरे साथ विस्तर पर देखते होंगे ।  भावविभोर होकर वह रोने लगी थी सामने अथाह सागर उसके आंसुओं कि अविरल धारा को देखकर दुखी मन से अपने तट बंध से बाहर निकलने कि कोशिश कर रहा था मानो वह कह रहा था कि देख बेटी यह मानव समाज तेरे लिए नहीं यह समाज अब अपने...

काल गर्ल वेब सीरीज भाग 1 व्यथा कथा

 पिछले भाग से आगे.... भादों महीने में यूं तो घनघोर बारिश होना आम बात है परन्तु पिछले तीन दिनों से ज्यादा ही तेज़ गरज चमक से मेघ धरती पर मोटी मोटी बूंदें बिखेर रहे थे ऐसी घनघोर बारिश में मुम्बई का आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था नौकरी पेशा लोग दफ्तर आने जाने के लिए परेशानी का सामना कर रहे थे वहीं जिला प्रशासन ने स्कूल कालेज की छुट्टी कर दी थी कारण शहर कि अधिकांश सड़कें पर पानी लबालब भरी हुयी थी कुछ सड़कें पर पानी का बहाव बहुत ही तेज था मतलब उस बहाव में मोटरसाइकिल कारें भी वह गयी थी हालांकि नागरिकों के सहयोग से कोई जनहानि नहीं हुई थी खैर बरसात के मौसम में निचली बस्तियों में यह सब तों आम बात है ऐसे ही मौसम में हिचकोले खाती हुई पानी को चीरती हुई मर्सिडीज कार एक छोटे से खूबसूरत बंगला के पोर्च में खड़ी हो गई थी बंगला के आस पास पचास एकड़ खाली जमीन थी कुछ जगह रोड कंस्ट्रक्शन कम्पाउन्ड वाल  रो हाउस का काम चालू था कालोनी डबलप हों रहीं थीं कार के अंदर बैठे आंगतुक ने  झटके से कार का दरवाजा खोला था वाहर निकलने वाला शख्स लम्बा मजबूत देह का मालिक था साठ साल कि उम्र होने के बाद भी नवयुवक...