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काल गर्ल बैब स्टोरी भाग 07

 उसने चाय बना दी थी दोनों ही नीचे चटाई पर बैठकर चाय कि चुस्कियों लें रहें थें व एक दूसरे को निहार रहे थे कुछ देर बाद विनय कुमार ने कहा था कि आप बुरा नहीं माने तब में आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि मेरी पेंटिंग जो आप देख रहीं हैं वह अधूरी है मैं उस पेंटिंग को आपके सहयोग से ही पूरा कर पाऊंगा जैसे कि गुलाबी शुष्क अधर , उन्नत वक्ष,पतली कमर,कमर वह फिर कुछ देर के लिए नग्न हो सकती है मेरा मतलब.... करूणा यूं तो सैकड़ों बार अलग अलग पूरूसो के साथ नग्न हो चुकी थी लेकिन उसे न जाने क्यों आज शर्म आ रही थी करूणा ने सालीनता से जी नहीं  विनय कुमार को शायद जी नहीं जबाब कि उम्मीद नहीं थी उसका चेहरा उदास हो गया था कुछ सोचने लगा था तभी करूणा ने कहा था कि आज नहीं फिर कभी अच्छा आज आप मेरे साथ मेरे फ्लेट पर चलेंगे सहसा ऊसे याद आया था कि आज तो उसकी होटल ब्लू रोज में फुल नाइट कि बुकिंग फुल सर्विस के साथ थी पैसा भी लाखों मिल रहा था उसने मोबाइल निकाल कर संबोधित पुरूष को तीन दिन बाद मिलने का यू कहकर कि वह महीने से हैं जैसा आप चाहते हैं बैसी सर्विस नहीं दे पाऊंगी इसलिए तीन दिन बाद व्हाट्सएप पर मैसेज भेज दिया था प्रत

जन्मदिन

 बंग्ले में नाती के जन्म दिवस पर भव्य आयोजन किया गया था शहर के जाने माने सम्मानित रहीश हाथों में गुलदस्ता भेंट लेकर सपरिवार सहित आ रहें थें बेटा धनीराम बहू लछमी बंगले के गेट पर सभी मेहमानों का मुस्कुराते हुए स्वागत कर रहे थे घर के नौकरों को पहले ही आदेश दिया गया था कि मेहमानों कि खातिर दारी में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाए तभी तो नोकर दौड़ दौड़ कर चाय काफी पानी सभी मेहमानों को सर्व कर रहे थे सम्मानित धनाढ्य मेहमानों के आने के बाद जन्म दिन के कैक काटने कि तैयारी हों गई थी थोड़ी ही देर में हाल में हैप्पी बर्थ डे जियो हजारों साल कि ध्वनियां सुनाई दे रही थी साथ ही तालियां बजाने कि आवाज आ रही थी कुछ देर बाद पार्टी चालू हो गई थी मेहमानों के लिए खास तरह कि व्हिस्की मंगाई गई थी जाम पर जाम टकराए जा रहे थे हाल में मध्यम आवाज में रोमांटिक संगीत बज रहा था उस संगीत पर मेहमान थिरक रहें थें स्वादिष्ट रूचिकर भोजन का इंतजाम किया गया था बेटा बहू अपनी रहीशी का भरपूर दिखावा कर रहे थे  परन्तु बेटा बहू शायद भूल गए थे कि घर में बूढ़ी मां भी हैं जो कि विस्तर पर बहुत सारी बीमारी के साथ दो रोटी के लिए मोहताज है शा

जन्म दिन व्यंग्यात्मक लघुकथा

 बंग्ले में नाती के जन्म दिवस पर भव्य आयोजन किया गया था शहर के जाने माने सम्मानित रहीश हाथों में गुलदस्ता भेंट लेकर सपरिवार सहित आ रहें थें बेटा धनीराम बहू लछमी बंगले के गेट पर सभी मेहमानों का मुस्कुराते हुए स्वागत कर रहे थे घर के नौकरों को पहले ही आदेश दिया गया था कि मेहमानों कि खातिर दारी में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाए तभी तो नोकर दौड़ दौड़ कर चाय काफी पानी सभी मेहमानों को सर्व कर रहे थे सम्मानित धनाढ्य मेहमानों के आने के बाद जन्म दिन के कैक काटने कि तैयारी हों गई थी थोड़ी ही देर में हाल में हैप्पी बर्थ डे जियो हजारों साल कि ध्वनियां सुनाई दे रही थी साथ ही तालियां बजाने कि आवाज आ रही थी ।  कुछ देर बाद पार्टी चालू हो गई थी मेहमानों के लिए खास तरह कि व्हिस्की मंगाई गई थी जाम पर जाम टकराए जा रहे थे हाल में मध्यम आवाज में रोमांटिक संगीत बज रहा था उस संगीत पर मेहमान थिरक रहें थें स्वादिष्ट रूचिकर भोजन का इंतजाम किया गया था बेटा बहू अपनी धन का भरपूर दिखावा कर रहे थे  परन्तु बेटा बहू शायद भूल गए थे कि घर में बूढ़ी मां भी हैं जो कि विस्तर पर बहुत सारी बीमारी के साथ दो रोटी के लिए मोहताज है शा