मे ऐक वयापारी ऊधार लेकर शुरू किया बिजनेस कोबिड 19 के लोक डाऊन के बाद चालू किया काम बिन सोचे समझे ले लिया जी ऐस टी नमबर अब हर महीने रिटर्न भरने का रहता था सिरदर्द खैर प़ाईवेट कंपनी मे लिया था काम जहां काम करना हो गया है हराम भाई साहब कुछ अनपढ़ जाहिल बन गये सुपरवाइजर कुछ है पढे लिखे इंजीनियर जो चलते है ऐक घंमड लेकर समझते है कंपनी मेरे बाप कि है. मेरे दादा नाना कि है. ठेकेदार है अपना गुलाम जिसका करना है काम तमाम पैसा कमाकर नहीं जाऐ कसम से करने नहीँ दूगा काम निकालूँगा कमिया नही दूगा पूर कारड नहीं होगा पैमंट रहेगा बैचैन । यह तो कंपनी के सटाफ कि बात है ठेकेदार का काम तमाम है. लेवर रोज छेड़छाड़ कर दबी जुवान से कहती है भाई साहब पैमंट कब मिलेगा मेरा भी घर परिवार है ठेकेदार बढे विश्वास से आज कल कह कह टाल रहा है पर ऊसे है पता मे छूठ बोल रहा हू । जी ऐस टी विभाग से टेलीफोन आता है भाई आप का रिटर्न...
अपनी सी कहानियां का पिटारा