Showing posts from August, 2022

सच्चा दोस्त

यूं तो दोस्ती का आजकल के अर्थ युग में निर्वाह करना मुश्किल काम है दोस्त चाहते हुए भी एक दूसरे का साथ नहीं दे…

भय

सेठ कर्म चन्द के पास यूं तो भगवान की कृपा से सब कुछ था चार बेटे थें सुंदर समझदार बहूएं थी नाती नातिन थें भरा…

मोबाइल कि रंगीन दुनिया

कल्याणी अपना फेसबुक एकाउंट देख रही थी उसमें बहुत सारे फ़ेनड रिक्वेस्ट के नोटीफिकेशन थें लगभग दो सो के आस पास …

प्रेम विवाह और समाज

सुबह का समय था जाड़ों के दिन थे कोहरा छाया हुआ था वातावरण में शीतलहर चल रही थी जिससे हड्डियां पी कंपकंपा रहीं…

"सबला"कविता.

में ऐक आधुनिक युग कि नारी हूं में अबला नहीं सबला कहलाती हूं  मे उड़ाती हूं फाइटर प्लेन और चलातीं हूं  पानी क…

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That is All