" घर "कुशल गृहिणी जो कोरोनावायरस के कठिन समय में पति आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था वाहर निकाल लाई
रविवार कि सुबह सूर्य उदय का समय था मिस्टर नरेश मजूमदार फ्लेट कि बालकनी से सूर्य उदय उदय कि अलौकिक आभा को देखकर रोमांचित हो रहें थें गोल गोल मटोल घेर…
आपके लिए परिवारवाद,, सामाजिक, आर्थिक,जल,जंगल, जमीन,के लिए लिखी कविताएं व,लेख रोमांटिक,लिव इन रिलेशन, पति पत्नी,धोखा, अवेध संबंध, किसान, गरीब, मजदूर, मध्यम वर्ग, पर आधारित अपनी सी कहानियां का पिटारा ।।
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वह एक वर्षांत कि रात्रि थी मेघ गर्जन करते हुए कड़कती बिजली के साथ घनघोर वर्षा कर रहे थे ऐसे ही रात्रि में परेश होटल के कमरे में एक युवा शादी शुदा महि…
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