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Showing posts from November, 2020

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सूर्य का प्यार चांदनी से कहानी

 बात लगभग लगभग पांच साल पुरानी है ऐक दिन मेरी साइट पर मेरा रोलर आपरेटर जों कि कंपनी से दस दिन कि छुट्टी लेकर गया था छुट्टी से आने के बाद मुझे अपने किराए के घर में चाय के लिए बुलाया चलिए पहले में अपना परिचय दे दूं मेरा नाम प्रेम कुमार हैं में मल्टीनेशनल कंटैकसन कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं चूंकि मैं टीम लीडर हूं ऐसे में टीम के सभी सदस्यों से काम के बाद भी उनसे मेल मिलाप उनके दुख सुख का ख्याल रखना मेरी जुम्मे दारी बनतीं है या यूं कहें कि मेरी ड्यूटी हैं  ठंड का समय था वातावरण में सर्द हवाएं के साथ  हल्की हल्की ओस कि बूंदें भी आ रही थी कुलमिलाकर हड्डियों को हिलाने वाली सर्दी थी ऐसे मौसम में भी साइट पर मेहनत कश मजदूर गर्म कपड़े पहनकर काम कर रहे थे में और मेरे मातहत टेक्निकल उनका सहयोग कर रहे थे तभी सूर्य का फोन आया था सर क्या आप साइट पर हैं  मैंने कहा जी  तब सर को आप मेरे घर आ जाईए  चाय पीते हैं  मैंने कहा सूर्य आप कि छुट्टी तों दस दिन कि थी फिर दो दिन पहले  उसने कहा सर मै अपनी पत्नी को लेने गया था जैसे कि हमारे समाज में शादी के चार...

कड़वा सच लोक कथा

             ऐक था राजा उसका ऐक राजकुमार था राज्य में सब कूशल मंगल था ऐक दिन राजा राजकुमार को राज सौंप कर तीर्थ यात्रा को निकल गया राजा के जाने के बाद राजकुमार अपनी सूझबूझ से राज्य चलाने लगा था चारो ओर शांति समृद्धि कायम हो रही थी जो कुछ चाटूकारों को अच्छी नही लगती थी  ऐक दिन ऐक गरीब ब्राह्मण राज दरबार में आया था उसे अपनी पुत्री का विवाह करना जा चूकि गरीब होने के कारण धन नहीं था पत्नी के बार बार कहने पर वह आया था पर ब्राह्मण सिद्धांत का पक्का था बिना कुछ दिए हुए भिक्षा भी नहीं लेता था खैर राज दरबार में ऊसका यथोचित सत्कार किया गया था राजकुमार ने आने का कारण पूछा तब ब्राह्मण ने कहा हे राजन मुझे अपनी कन्या का विवाह करना है मेरे पास धन की कमी है अतः मुझे आपसे आर्थिक मदद चाहिए तब राजकुमार ने कहा हे ब्राह्मण आपके लिए रात को खोल देता हूं आपको जितना भी लगे आप ले जा सकते हैं तब ब्राह्मण बोला नहीं नहीं राजन मैं फ्री में किसी से दान भी नहीं लेता मैं आपको एक कागज दे रहा हूं वक्त आने पर इसे पढ़िए गा बहुत काम आएगा खैर ब्राह्मण कागज दे कर धन लेकर अपने घर रवाना ह...

मोटरसाइकिल

यो तो  कार्तिक महीना  किसान के लिए गेहूं कि फसल या फिर सरसों चना आदि के लिए समय के लिहाज से बहुत ही अनुकूल है पर अगर कुछ दिन इधर उधर हो गये तब किसान गया काम से  ऐसे ही महीने मे  अपने खेत पर पत्नी के साथ पिछली फसल के ठूठ खरपतवार इक्कठा करके जला रहा था  दोपहर का समय था आसमां से सूर्य देव अपनी तपिश बिखेर रहे थे  ऊसी के साथ खरपतवार मे लगी आग कि लपेटे भी आसमां छू रही थी  ऐसे ही तपिश भरे समय में लछिया ने अपने मुंह सिर का पसीना अंगोछा से पोंछ कर अपनी अर्धांगिनी लछिया से कहां  लटौरे  नही आया  धनिया :-  मैंने तो पहले ही मना किया था कि उसे मोटरसाइकिल मत दिलाओ फाइनेंस कंपनी वाले वार वार किस्त जमा करने के लिए फोन लगा रहे हैं और घर में एक भी रूपए नहीं है ।   लछिया :- अरे यही तो दिन है  घुम्ने के आज काल तो साइकल कि जगह मोटरसाइकिल ने ले ली है ‌ धनिया :- तुम्हें कोन समझाए पेट्रोल  कितना महंगा हो गया है सारे दिन  फट कर के घूमता-फिरता है  लछिया:- बच्चा है अभी उसकी उम्र ही क्या है  घूमने दो  आग कि लपटे आसमां छू ...