जिदंगी तेरी परिभाषा क्या है
क्या बताएंगी ?
क्या कुछ कहेंगी
या फिर मोन ही रहेंगी
तेरी यात्रा मां
के गर्भ से उत्पन्न हुई
जहां तुझे पृथ्वी पर
लाने के लिए अस्पताल में
मां दर्द से व्याकुल हो कराह रही थी !
पिता अस्पताल के काउंटर पर
फीस जमा कर रहा था ,
बार बार नर्स डाक्टर से
तुझे तेरी मां को सकुशल
रखने कि गुहार लगा रहा था ।
खैर अस्पताल के बैड पर से
पहली यात्रा शुरू हुई थी
तेरी रोने कि किलकारी
से माता-पिता कुटुंब जन
खुशी से झूम उठे थे ।
फिर भगवान को बार-बार
धन्यवाद कह रहे थे ।
था व्याह
अब क़ानून समाज
से डर नहीं लगता था
दो शरीर एक जान थे
संभोग का आनंद लें रहें थे
फिर जन्मे थें बच्चे
जो थे अपने
चूंकि उनके भविष्य
का ख्याल था
इसलिए धन दौलत इकट्ठा करने
का ख्याल था!
अर्थ के लिए संघर्षरत हुए
> व्यापार कहीं नौकरी कि
छल कपट से पैसा कमाया
फिर घर बनाया !
जिंदगी छल कपट से आगे बढ़ीं !
फिर मां बाप बुढ़ा हो गए
उनके शरीर को बीमारियां ने
जकड़ लिया था !
बेटे-बेटियों से सहारा लेने
के लिए याद कर रहे थे
पर बेटे बेटियों तो संभोग सुख
धन तिगुना करने में व्यस्त थे
ऐसे ही माहोल में
मां बाप ऊपर वाले के पास
पहुंच गए थे ?
अब जिंदगी का आया था बुढ़ापा
मां बाप के साथ अच्छा बुरा
व्यवहार कि यादें
ताजा हो रही थी !
अपनें बच्चे हमारी पुनरावृत्ति
कर रहे थे
हम दुःख में थें
सारे जीवन का छल कपट
याद कर रहे थे
फिर आए थे देवदूत
जो ले गए थे ऊपर
जीस जगहों का हमें
नहीं पता !
विज्ञानिको कर रहे हैं खोज
पर नहीं हों रहें हैं सफल
जिंदगी का एसा ही अंत हुआ था ।