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सूर्य का प्यार चांदनी से कहानी

 बात लगभग लगभग पांच साल पुरानी है ऐक दिन मेरी साइट पर मेरा रोलर आपरेटर जों कि कंपनी से दस दिन कि छुट्टी लेकर गया था छुट्टी से आने के बाद मुझे अपने किराए के घर में चाय के लिए बुलाया चलिए पहले में अपना परिचय दे दूं मेरा नाम प्रेम कुमार हैं में मल्टीनेशनल कंटैकसन कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं चूंकि मैं टीम लीडर हूं ऐसे में टीम के सभी सदस्यों से काम के बाद भी उनसे मेल मिलाप उनके दुख सुख का ख्याल रखना मेरी जुम्मे दारी बनतीं है या यूं कहें कि मेरी ड्यूटी हैं  ठंड का समय था वातावरण में सर्द हवाएं के साथ  हल्की हल्की ओस कि बूंदें भी आ रही थी कुलमिलाकर हड्डियों को हिलाने वाली सर्दी थी ऐसे मौसम में भी साइट पर मेहनत कश मजदूर गर्म कपड़े पहनकर काम कर रहे थे में और मेरे मातहत टेक्निकल उनका सहयोग कर रहे थे तभी सूर्य का फोन आया था सर क्या आप साइट पर हैं  मैंने कहा जी  तब सर को आप मेरे घर आ जाईए  चाय पीते हैं  मैंने कहा सूर्य आप कि छुट्टी तों दस दिन कि थी फिर दो दिन पहले  उसने कहा सर मै अपनी पत्नी को लेने गया था जैसे कि हमारे समाज में शादी के चार...

मोबाइल कि रंगीन दुनिया


कल्याणी अपना फेसबुक एकाउंट देख रही थी उसमें बहुत सारे फ़ेनड रिक्वेस्ट के नोटीफिकेशन थें लगभग दो सो के आस पास रहें होंगे जो अधिकांश युवा लडको से बूढ़े पुरुष के थें वह मन ही मन बोलीं थी न जाने इन लोगों की कैसी सोच हों गयी कोई लड़की या शादीशुदा महिला कि फोटो दिखाई दी तब धड़ाधड़ फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देते हैं वह सभी को देख रहीं थीं हालांकि उसमें कुछ उसकी पुरानी सहेलियों व जान पहचान वाले भी थी वह उन्हें मित्र बनाती जाती थी और अनजान लोगों को रिजेक्ट कर रहीं थीं परन्तु एक फोटो पर उसकी नजर ठहर गई थी जो युवा सुंदर सजीला जवान लड़का था उसने उसकि प्रोफाइल को खोलकर उसके बारे में सब जाना था फिर उसकि पोस्टें भी देखीं थीं सभी पोस्टें उसे अच्छी लगीं थीं तभी तो उसने उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली थी अब वह मित्र थें कुछ देर बाद उसके मैसेंजर पर हाय नमस्ते का मैसेज आया था उसने रिप्लाई दिया था चेटिंग चालू हो गई थी ।
हालांकि कल्याणी शादी शुदा थी दो बच्चों कि मां थी पति बिमलेश कुमार भी सुंदर समझदार था सबसे बड़ी बात वह अच्छा कमाता था क्योंकि उसकी परचून कि दुकान बीच बाजार में थीं उसके मधुर व्यवहार से दुकान अच्छी चल रही थी ग़ाहको कि भीड़ लगी रहती  ऐसे में बिमलेश कुमार ज्यादा समय दुकान पर ही व्यतीत करते थे हालांकि तीन नौकर थें जो दुकान को भली भांति सम्हाल सकते थें परन्तु उन्हें पैसे कोढ़ी का विश्वास नहीं था तभी तो सुबह से शाम तक गल्ले पर ही बैठे रह कर नोट गिनने में बिजी रहते थे  ऐतवार का दिन वह पत्नी बच्चों को देते थे उधर खाना झाड़ू पोंछा कपड़े वर्तन धोने लगाने वाली नौकरानी थी जो जल्दी जल्दी काम निपटा कर दूसरे घरों के चौका वर्तन करने निकल जाती थी  बच्चे भी स्कूल चलें जातें थें ऐसे में कल्याणी अकेले में या तो सोती रहती या फिर सोशल मीडिया पर अपना समय व्यतीत करतीं थीं  टेलीविजन भी था जिस पर कभी कभी कोई फिल्म या फिर समाचार चैनल पर प्रसारित देश परदेश कि खवरे देख लेती थी ।
ऐसे ही एक दोपहर में उस सजीले युवक का मैसेज आया था जो बहुत ही सलीके से लिखा गया था उसने भी प्रत्युत्तर में  हाय लिख दिया था दोनों ही एक दूसरे को जानने समझने के लिए जैसे कि आप क्या करते हैं आप कैसे हों आदि 
ऐसे ही एक दिन आप बहुत ही खूबसूरत हों 
चल झूठे कल्याणी ने कहा 
कसम से आप कि फोटो देखकर नींद नहीं आती उसने लिखा 
अच्छा ऐसा कल्याणी ने लिखा था।
हां मन करता है कि आप को अपनी गर्लफ्रेंड बना लूं  उसने पुनः टाइप किया ।
आप को पता है कि में दो बच्चों कि मां हूं बेटी दस साल कि है व बेटा सात साल का समझें ।
पर आप तों कसम से अभी अठारह साल से ऊपर फोटो में दिखाई देती है बिल्कुल कालेज गर्ल जैसी कसम से ।
अच्छा ऐसा 
हां  कसम से 
ऐसा क्या है मेरी फोटो में 
अजी क्या नहीं है गोरी गोरी सुराहीदार गर्दन शुतवा नाक चौड़ा माथा घुंघराले काले काले कमर के नीचे तक लटकते बाल पतले पतले गुलाबी होंठ हिरनी जैसी छरछरा शरीर खूबसूरत कजराइ आंखें फिर उसने प्रश्न चंद लगाकर टाइप करना बंद कर दिया 
फिर क्या  कल्याणी ने टाइप किया था ।
किदवंती है नारी को अपनें रूप सौन्दर्य कि प्रशंसा सुनना अच्छा लगता है वह भावनाओं में बहकर तारीफ़ करने वाले पुरुष से और तारीफ सुनना चाहतीं हैं उसे वह पुरुष अच्छा लगने लगता है उसके भोलेपन का फायदा कुटिल चरित्र हीन पुरूष अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए उठाते हैं फिर उसके उसकी देह भावनाओं से खिलवाड़ कर उसे मझधार में छोड़ देते हैं ऐसे हजारों उदाहरण देखने व समाचार पत्र में पड़ने को मिलते हैं हालांकि इश्वर ने नारी को पुरुष कि नियत देखने कि समझने कि दिव्य ज्योति दी है परन्तु फिर भी कुछ भोली भाली महिलाएं सब कुछ जानते हुए भी इस का उपयोग नहीं कर पाती हैं वही ठगी जाती है।
फिर आप का ... उसने??
क्या  खुलकर लिखें  कल्याणी ने लिखा 
आप अगर परमीशन दे तब क्यों न हम विडियो कालिंग कर एक दूसरे से बात करें यह रहा मेरा नम्बर ।
कल्याणी ने कुछ देर विचार किया था उसकी आत्मा उसे सचेत कर रहीं थीं कि तूं ग़लत दिशा में जा रहीं हैं तूं बहक रही है तेरा सुखी परिवार है देवता जैसा तेरा पति हे जो तुझे जी जान से प्यार करता है जो तुझ पर आंख बंद कर विश्वास करता है तेरा सुखी परिवार बर्बाद हो जाएगा परन्तु उसने आत्मा कि आवाज को अनुसना कर दिया था न चाहते हुए भी विडियो कालिंग कर दिया था दोनों एक दूसरे को देख रहे थे वह सुंदर सुडौल रूपवान कसरती बदन वाला युवक रूप सौन्दर्य कि प्रशंसा कर रहा था दोनों एक दूसरे के निजी अंगों को देख रहे थे जैसे कि बाथरूम में नहाने के साथ विडीयो कालिंग ।

अब कल्याणी बदल गई थी पहले वह श्रंगार से दूर रहतीं थीं मतलब उसे तड़क भड़क वाली लिपस्टिक पाउडर से ज्यादा मतलब नहीं था वह सिंपल सादा ही रहना पसंद करतीं थीं पर अब तों उसके ओंठ लिपस्टिक से रंगे रहते थे उसके इस बदलाव पर बिमलेश कुमार चकित रह गए थे कुछ मन में ख्याल आया था कि शादी के सोलह साल बाद ऐसा बदलाव कहीं किसी के बहकावे में तो नहीं आ रही है उन्होंने दो चार बार उसका फोन भी चैक किया था परन्तु उन्हें कुछ भी ग़लत समझ में नहीं आया था दरअसल कल्याणी चेटिंग विडीयो कालिंग कर सब कुछ पति के घर आने से पहले ही डिलीट कर देती थी यही उनकी भूल थी ।


एक दिन उसने कहा था विडियो कालिंग कर हमने एक दूसरे को बहुत देख लिया यहां तक कि फोन सेक्स भी अनेकों बार किया अब हम रियल करना चाहते हैं मैंने तुम्हारे घर के पास का होटल सर्च किया था जो मैंने बुक कर दिया है कल दोपहर को आ जाना उसके ऐसा कहने पर एक बार फिर से उसकी आत्मा ने सचेत किया था परन्तु फिर भी उसने आत्मा कि आवाज को अनुसना कर दिया था वह तय समय पर होटल के कमरे में पहुंच गई थी फिर दो देह एक बदन जो समाज कि नज़र से ग़लत था जीवन के नैतिक मूल्यों कि भी पूर्ति नहीं करता था । 
यह होटल या फिर घर पर कभी पर सैल्स मेन या फिर इलेक्ट्रिशियन का कहकर चलता रहा था कहते हैं कि इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुपता ज़माने को पता चल ही जाता है आस पड़ोस के लोगों को शक होने लगा था एक दो पड़ोसी ने तो पड़ोसी धर्म का निर्वाह कर विमलेश कुमार को सचेत किया था उन्होंने कल्याणी से इस विषय पर बात की थीं कल्याणी ने रो रो कर क्या आपको मेरे उपर विश्वास नहीं हम आपके साथ पन्द्रह साल से है कभी आप को एहसास हुआ कि हम आपके साथ दगा कर रहे थे मेरा भगवान जानता है मैंने आपके अलावा किसी भी परपुरुष पर भरपूर नज़र भी नहीं डाली छी छी छी आपने मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच लिया उसने बिमलेश कुमार को अपनी वफादारी का विश्वास दिला दिया था परन्तु अब वह समझ गई थी कि कुछ नया सुख पाने के लिए वह आग में कूद पड़ी थी उसके पास अभी भी समय था तभी तो उसने उस नवयुवक से किनारा कर लिया था व उसके नम्बर को ब्लाक कर दिया था उसके अनुसार अब सब कुछ अच्छा होगा ।
एक दिन वह नवयुवक जिसका नाम सुनिल कुमार था दोपहर के समय शराब में मदहोश हो कर आ गया था कल्याणी ने उससे कहा था देखिए हमारे तुम्हारे बीच जो भी हुआ था वह हमारी सबसे बड़ी भूल थी में अपनी ग़लती को स्वीकार करतीं हूं मैं तुमसे कोई भी मतलब नहीं रखना चाहतीं तुम्हारे बहकावे में अपना सुखी घर संसार नहीं उजाड़ना चाहतीं तुम मेरे घर पर कभी नहीं आना वर्ना तुम्हारा बहुत बुरा हाल होगा समझें अब तुम जा सकतें हों ।
वह नौजवान जोर से ठहाका लगा कर हंसने लगा था फिर उसने अपना काइयां पन दीखा कर जेब से मोबाइल फोन निकाला था उसमे से कुछ वीडियो उसे दिखाएं थें जो कि उन दोनों के अंतरंग दृश्य थे अंतरंग पल थें वह सब देख कर कल्याणी सहम गई थी उसने दया याचिका के लहजे से कहा था देखो सुनील इन्हें तुम डीलीट कर दो में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं पैर पड़ती हूं ।
ऐसे कैसे डीलीट कर दूं तुम सोने कि मुर्गी हों जो मुझे हमेशा सोने का अंडा देती रहोगी बढ़े घर धनवान पति कि पत्नी हों ठीक है सोचूंगा पर अभी तो तुम्हें मेरी दो शर्त मानना होंगी पहली मुझे एक लाख रुपए चाहिए अभी दूसरी बैडरूम में तुम्हारे साथ पहले जैसा कुछ नया आंनद पाना चाहता हूं मंजूर है तब ठीक वरना यह विडियो अभी बायलर कर दूंगा समझी ।
कल्याणी की आंख से झर झर आंसू निकलने लगे थे वह समझ गई थी कि वह दलदल में गले तक डूब गई है अब उसे बाहर निकलने का कोई भी सूझबूझ नज़र नहीं आ रही थी तभी तो वह शर्त मानने को तैयार हो गई थी सुनील उसकी देह से खिलवाड़ कर एक लाख रुपए लेकर चला गया था ।
शाम को बिमलेश कुमार दुकान से घर आए थे बच्चे डाइंग रूम में टेलीविजन पर बच्चों का मोंटू पतलू देख रहे थे उन्होंने दो तीन बार कल्याणी कल्याणी कहां हों कहां था परन्तु कोई जवाब नहीं मिला था उन्होंने बैडरूम में जाकर देखा था कल्याणी लेटी हुई थी उसके चेहरे पर थकान आंखें सूजी हुई थी बिमलेश कुमार ने प्यार से कहा था क्या तुम्हारी तबियत बिगड़ी है मुझे फोन कर दिया होता में दुकान बंद कर आ कर अस्पताल दिखा देता अरे तुम्हारी तों आंखें सूज गई है तुम्हारे चेहरे पर रौनक भी नहीं है चलों अभी डाक्टर को दिखाते हैं उठो उठो ..
पति के लाड़ प्यार से वह फफक फफक कर रो पड़ी थी बिमलेश कुमार ने उसे सीने से चिपका लिया था उसके आंखों से अश्रु पोंछ रहे थे उन्होंने प्यार से कहा था कल्याणी कुछ परेशानी हैं क्या मुझे बताइए पगली भला कहोगी नहीं तब कैसे समस्या का हल होंगा ।
पति का प्यार विश्वास अपनत्व पाकर कल्याणी को ताकत मिल गई थी उसने सब कुछ सच सच बता दीया था बिमलेश कुमार कुछ समय तक तो खामोश रहे थे शायद हर पहलू पर सोच रहे थे फिर उन्होंने कहां था बस इतनी सी बात कोई बात नहीं गलती इंसान से ही होती है इंसान गलती का पुतला हैं मैंने तुम्हारे साथ जीवन के पंद्रह साल व्यतीत किए हैं में तुम्हारे मन को आत्मा को पहचानता हूं मेरी कल्याणी बहक गई थी या फिर यों कहें कि भटक गई थी  सुबह का भूला शाम को घर वापस आ जाएं तब वह भूला नहीं कहलाता फिर मेरी भी ग़लती थी में नोट धन दौलत इकट्ठा करने में मग्न रहा तुम्हें समय नहीं दे पाया में तुम्हें तुम्हारे इस कृत्य पर तलाक भी दें सकता हूं पर इससे हमारे बच्चों का भला नहीं होने वाला ऊन बेचारों कि कोई ग़लती नही हमें उनका भविष्य नहीं ख़राब करना है इसलिए मैं तुम्हारी सभी गलती माफ़ करता हूं ्
उन्होंने पुलिस कप्तान को फोन किया था सारा वृतांत सुनाया था पुलिस ने रातों रात उसे गिरफ्तार कर लिया था उसके मोबाइल फोन से सभी विडीयो डीलीट कर दिए थे अब वह नवजवान जैल कि रोटी तोड़ रहा है ।
समाप्त 
यह कहानी आप लोगों को कैसी लगी कमेंट कर बताइएगा आपका दोस्त काका ।






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यह कहानी सोशल मीडिया पर आधारित है कल्याणी शादी शुदा दो बच्चों कि मां थी पति भी सुंदर समझदार था खुद का व्यापार था फिर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैटिंग कर पर पुरुष के बहकावे में आकर अपनी दैह पैसा उसे देती रही थी।

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