सूने आकाश में
जब चांद का आगमन होता
तब आकाश सौभाग्य शाली हों उठता
और गर्व के साथ सीना तान कर
बड़ी विनम्रता से कहा करता
हम फिर धन्य हो गये
हमारे धीरज ने
हमारे विश्वास ने
हमारे आत्मिय प्रेम ने
चांद को मजबूर कर दिया
मेरे जैसे काले से भूरे से नीले से
टूटे फ़ूटे बगैर नीव के
बगैर सहारे के
बेकार से शून्य से
बनें हमसे
चांद को मिलने को
और तो और
यह भी सुन लो
जब चांद आकाश से रूठ कर चला जाता
जब भी दुबला पतला
हो आ जाता
तब यह आकाश रोज नीरवता में
चांद को तड़प तड़प कर
अपने दामन में लगे गहरे घाव बताता
जो न जाने किन किन ने
प्यार और विश्वास के
नाम दिए हैं
और जब आकाश कह उठता
कि यह घाव भी बहुत प्यारे लगते हैं
तब वह चांद
जिसे सारा संसार प्यार करता हैं
पर गले लगाने को गीत बनाने को
त्याग नहीं करता
तब आकाश का हौसला जान
खुश हो कर कहता
मेरे प्यारे आकाश
में भी बहुत धोखे खा चुका
इस संसार में बहुत कुछ गंवा चुका
पर न जाने क्यों
तुम्हारा निश्छल प्रेम देख
तुमसे मिलने को तुम्हारे साथ रहने को
बार बार कहता हैं
इससे तुम्हारा विराट त्याग
तुम्हारा निश्छल प्यार
रोज तुम्हारे पास खींच लाता है
और बार बार हम कलंकी
तुम्हें बदनाम करने से नहीं चूकते
और सारा संसार मुझे अच्छा कहता
जबकि तुम अच्छे हों
क्योंकि तुमने हमारा इंतजार
अपने विशाल हृदय से किया
मेरा यश सारे जग मे तुमने फैला दिया
में जैसा आया जिस हाल में आया
तुमने कभी उलाहना नहीं दिया
अपनी हैसियत का कभी सवाल नहीं उठाया
वही प्यार वही स्नेह दे
अपने बक्ष स्थल
चाहें जहां विचरने दिया
पूर्णमासी हों या ईद हों तुम्हारा हृदय
विशालता लिए रहा
इसी कारण प्यारे आकाश
में तुम्हें भुला नहीं पाया
सदियों से आज तक तुम्हें अपना बना पाया
आकाश तुम और तुम्हारे यह तारें
न जाने क्या क्या संदेश देते विचारे
और इसी प्यार इसी विश्वास
के कारण हम अनाबरत यदा कदा
संसार को स्वच्छ शीतल चांदनी दें कर
अनुग्रह कर चल देता हूं
और न जाने किन किन कल्पना में खो कर
खेला करता हूं।
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